नमस्कार,
आज हम बात करेंगे महा चंडी स्तोत्र के बारे में
महा चंडी स्तोत्र का वर्णन दुर्गा सप्तशती में किया गया है| असुरो से रक्षा के लिए देवताओं द्वारा पाठ किये जाने वाले इस महा चंडी स्तोत्र का अपना एक महत्त्व है|
लाभ:-
*चंडी पाठ करने से भय और पाप का नाश होता है|
*कर्ज से मुक्ति के लिए।
*शत्रु पर विजय के लिए|
*भ्रम होने जैसी स्थिति में महा चंडी स्तोत्र बहुत ही लाभदायक होता है|
*जिनकी कुंडली में राहू, केतु शुभ फल न देते हो|
*राहू की दशा या अन्तर्दशा के कारण जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा हो तब भी महा चंडी स्तोत्र का पाठ करना चाहिए|
*ग्रहों के बुरे प्रभावों से बचने के लिए भी चंडी स्तोत्र का श्रवण एवम पाठ करना चाहिए|
*सपने में सर्प दिखना ।
*भूत प्रेत का डर होना|
*समस्त रोगों से निवारण के लिए|
पाठ विधि :-
*स्नान के पश्चात आसान पर बैठ कर महा चंडी स्तोत्र को 7 बार पढ़ना चाहिए।
* किसी भी शुक्लपक्ष की अष्टमी से आरंभ कर 21 दिन तक दिन मे एक बार महा चंडी स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।
परंतु पाठ 21 दिन तक लगातार करना चाहिए तभी बदलाव देखा जा सकता है।
जानिये क्या कहता है टू ऑफ़ वैंड्स टैरो कार्ड(Two of wands) आपके बारे में
पाठ:-
जय चंडी अम्बे महा रानी| जय वरदाती जय कल्याणी|
सिंह वाहिनी खड्ग धारिणी| जय दुर्गा जय दैत्य संहारिणी|
दक्ष सुता जय उमा भवानी| शंकर प्रियदाती सुखदानी|
चिंता सकल निवारण वाली| मुंड माल को धारने वाली|
मधु कैटभ संहारे तू ने | चंड मुंड भी मारे तू ने |
महिषासुर का शीश उतारा| रक्तबीज का पिया लहू सारा|
शुम्भ निशुम्भ का नाम मिटाया| देवराज को तख़्त बैठाया|
भीड़ जभी देवों पर आई | तू ही चंडी हुई सहाई |
खंडे वाली खप्पर वाली| तेरे दर का "मैं" हूँ स्वाली|
शारदा बन उपकार हो करती| लक्ष्मी बन भंडार हो भरती|
तू ही वैष्णो तू ही बालिका, तू ही ज्वाला देवी कालका |
अमर सदा तेरी अमर कहानी| जय माँ चंडी आदि भवानी|
कलह क्लेश से मुझे बचाना | सगरी चिंता दूर हटाना |
कोई दुःख न मुझे सताये | कोई गम न मुझे दबाये |
गन्धर्वो देवो की माया | भूतप्रेत देत्यों की छाया |
झूटे सच्चे सपनो का डर | जादू टूने यंत्र मंत्र |
कर्जा झगड़ा कोई बीमारी| संकट आफ़त विपदा भारी|
इनसे मैया मुझे बचायो | चंडी अपनी दया दिखाईयो |
तेरा भरोसा तेर सहारा | तेरे बिना न कोई रखवारा |
तेरा हरदम ध्यान धरु मैं | चरणों में प्रणाम करूँ मैं |
मेरे अवगुण ध्यान न धरियो| चंडिका मेरी रक्षा करियो|
इज्जत मान बनाये रखना| शत्रुओं से भी बचाए रखना|
मेरा तेज बढ़ाती रहना | अपनी दया दिखाती रहना |
मेरे हाथ में बरकत भर दो | पूर्ण मेरी आशा कर दो |
अपना नाम जपाना मुझको| दाती सुखी बनाना मुझको|
मेरे सर पर हाथ धरो माँ| "मेरा" भी कल्याण करो माँ||
No comments:
Post a Comment