नमस्कार
आज हम आपको घर के वास्तु के लिए कुछ टिप्स देगे| यदि आप नया प्लाट लेने जा रहे है, अपना नया घर बना रहे है या अपने घर का इंटीरियर करा रहे है तो यह टिप्स आपकी बहुत सहायता करेंगे|
इसे भी पढ़े:-कौन है वास्तु देव?
- सफ़ेद रंग की मिट्टी ब्राह्मणों के लिए शुभ होती है|
- लाल रंग की मिट्टी पर घर बनाना क्षत्रियों, राजनीतिज्ञ, पुलिस अधिकारीयों के लिए शुभ होता है|
- काले रंग की मिट्टी क्षुद्रों के लिए योग्य होती है|
- समतल व ठोस भूमि घर बनाने के लिए शुभ मानी जाती है|
- प्लाट का ढलान उत्तर और पूर्व की होना अच्छा माना जाता है|
- छत्त की ढलान ईशान कोण में होनी चाहिए|
- प्लाट के दक्षिण या पश्चिम में ऊँचे भवन या पेड़ शुभ होते है|
- आयताकार, वृताकार, गोमुखी प्लाट शुभ होते है|
- प्लाट का उत्तर, पूर्व या ईशान कोण की बढ़ा हुआ होना शुभ माना जाता है|
- प्लाट का मुख उत्तर या पूर्व में होना शुभ माना जाता है|
- घर के सामने मंदिर या खम्बा होना शुभ नही होता|
- घर में बेसमेंट नही बनाना चाहिए परन्तु यदि बेसमेंट बनाना ज़रूरी हो तो उत्तर या पूर्व में बनाना चाहिए पुरे घर के नीचे नही|
- बेसमेंट में हवा की क्रासिंग अच्छी होनी चाहिए और नेचुरल लाइट(सूर्य का प्रकाश) होना चाहिए|
- घर की हर मंजिल की ऊँचाई 10-12 फुट रखनी चाहिए|
- पानी का भूमिगत कनेक्शन(कुआं, टंकी, सबमर्सिबल) उत्तर, पूर्व, ईशान कोण में बनाना चाहिए|
- ब्राह्मणों को घर का मुख्यद्वार(Main Gate) पूर्व दिशा बनाना चाहिए|
- क्षत्रियों को घर का मुख्यद्वार(Main Gate) उत्तर दिशा में बनाना चाहिए|
- वैश्यों को घर का मुख्यद्वार(Main Gate) दक्षिण दिशा में बनाना चाहिए|
- शूद्रों को घर का मुख्यद्वार(Main Gate) पश्चिम दिशा में बनाना चाहिए|
- घर के उत्तर और पूर्व दिशा की और खिड़कियाँ ज्यादा होनी चाहिए दक्षिण और पश्चिम दिशा की और खिडकियां न के बराबर होनी चाहिए|
- दरवाज़ों की चोडाई, ऊचाई से आधी रखी जानी चाहिए|
- ईशान कोण में मंदिर, पानी की टंकी, बच्चों का कमरा, लिविंग रूम, बेसमेंट बनाया जा सकता है|
- पूर्व दिशा में बाथरूम, बगीचा, मंदिर, बेसमेंट बनाया जा सकता है|
- अग्नेय कोण में किचन, बिजली का मीटर, इन्वर्टर लगाया जा सकता है|
- दक्षिण दिशा में बेडरूम, सीढियाँ, ऊँचे पेड़ लगाये जा सकते है|
- पश्चिम दिशा में डाईनिंग टेबल, सीढियाँ, स्टडीरूम, बेडरूम, टॉयलेट बनाये जा सकते है|
- नेत्रित्य कोण में बेडरूम, स्टोररूम, सीढियाँ, टॉयलेट बनाये जा सकते है|
- वायव्य कोण में गेस्टरूम, लिविंगरूम, ड्राइंगरूम, टॉयलेट बनाये जा सकते है|
- उत्तर दिशा में बेसमेंट, लिविंगरूम, भूमिगत पानी का कनेक्शन बनाया जा सकता है|
- भारी सामान नेत्रित्य कोण, दक्षिण, पश्चिम में रखना चाहिए|
- हल्का सामान उत्तर, पूर्व दिशा या ईशान कोण में रखना चाहिए|
- नेत्रित्य कोण में मेहमानों को नही ठहराना चाहिए|
No comments:
Post a Comment