Vastu Tips, वास्तु टिप्स, वास्तु दोष निवारण के लिए कुछ उपाय - Tarot Duniya

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Monday, June 13, 2022

Vastu Tips, वास्तु टिप्स, वास्तु दोष निवारण के लिए कुछ उपाय


वास्तु टिप्स जो जीवन में पैसा और खुशहाली लाएंगे

नमस्कार 

आज हम बताएंगे यदि आपका भवन/निवास स्थान वास्तु सिद्धान्त के विपरीत हो तो कुछ निम्न दैनिक दिनचर्या में परिवर्तन करने से आप कैसे वास्तु दोष से छुटकारा पा सकते हैं और जीवन में धन और खुशहाली ला सकते हैं। शुभ फल प्राप्त कर अनिष्ट प्रभाव से बच सकते हैं।


1. जब भी पानी पीएं अपना मुख उत्तर-पूर्व की ओर रखें।

2. जब भी भोजन ग्रहण करें थाली दक्षिण-पूर्व की ओर रखें और पूर्वाभिमुख होकर भोजन करें।

3. जब भी सोएं दक्षिण-पश्चिम कोण में दक्षिण की ओर सिरहाना करके सोने से नींद गहरी और अच्छी आती है।

4. जब भी पूजा करें तो मुख उत्तर-पूर्व या उत्तर-पश्चिम की ओर करके बैठें।

5. सम्यक उन्नति हेतु लक्ष्मी, गणेश, कुबेर, स्वास्तिक, ॐ, मीन, एवं आदि मांगलिक चिह्न मुख्यद्वार के ऊपर स्थापित करें।

6. यदि ट्यूबवैल उत्तर-पूर्व में नहीं है तो अवश्य लगवाएं।

7. यदि घर में कोई पूजा-स्थल नहीं है तो उसे उत्तर-पूर्व (ईशान) कोण में रखें।

8. यदि पूर्व-उत्तर दिशा का भाग ऊंचा हो तो दक्षिण-पश्चिम भाग में कोई निर्माण कार्य करा दें जिससे पूर्व-उत्तर दिशा का भाग नीचा हो जाए।

9. यदि भवन के सामने का उत्तर-पूर्व दिशा का फर्श दक्षिण-पश्चिम में बने फर्श से ऊंचा हो तो दक्षिण-पश्चिम दिशा के फर्श को ऊंचा करें। ऐसा नहीं कर सकते तो पश्चिम दिशा के कोने में एक प्लेट फार्म बनाएं।

10. दक्षिण-पूर्व, उत्तर-पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम कोण में कुआं या ट्यूबवैल है तो उसे भरवाकर उत्तर-पूर्व कोण में ट्यूबवैल या कुआँ खुदवाएँ। अन्य दिशा में कुएँ को भरवा न सकें तो उसे प्रयोग में लाना बन्द कर दें अथवा उत्तर-पूर्व में एक ओर ट्यूबवैल या कुआँ लगवाएँ जिससे वास्तु का सन्तुलन हो सके।

11. दक्षिण-पश्चिम दिशा में अधिक दरवाज़े और खिड़कियां हों तो उन्हें बन्द करके उनकी संख्या कम कर दें।

12. सही दिशा में सर करके सोने खाने पीने अध्ययन करने ध्यान रखने व सफाई करने से भी वास्तु दोष से निवारण होता है।

13. भूमि के आकार संबंधी दोष होने पर वहां निर्माण के लिए आयताकार जमीन का इस्तेमाल करके बाकी जगह को दीवार डालकर अलग कर देना चाहिए और वहां बगीचा या आंगन आदि के लिए जगह छोड़ देनी चाहिए।

14. ज़मीन में शल्य दोष होने पर उस जमीन की 6 फीट मिट्टी को बाहर निकालकर नहीं मिट्टी भरनी चाहिए।

15. नैऋत्य कोण में लकड़ी से बने पिरामिड के नीचे बैठने से कई तरह के रोग बिना दवाई के ही ठीक हो जाते हैं।

16. ईशान कोण में लकड़ी के पिरामिड के नीचे बैठने से पूजा पाठ में व्यक्ति का मन लगता है।

17. ऑफिस में लकड़ी के पिरामिड के नीचे बैठने से थकावट नहीं होती और काम में मन लगता है।

18. यदि आपके घर के साथ वाली इमारत ऊंची है तो अपने मकान की छत पर इस तरह से झंडा लगाएं कि डंडा दूसरे की छत से ऊंचा हो।

19. ब्रह्मस्थान अर्थात घर के मध्य का स्थान, इस स्थान पर कभी झूठे बर्तन, अपवित्र वस्तुओं को नहीं रखनी चाहिए अगर रखी गई है तो साथ ही सफाई कर दें।
20. घर की पूर्व दिशा में दोष होने पर सूर्य यंत्र को स्थापित करना चाहिए। सूर्य देव को जल चढ़ाना चाहिए। गेहूं, गुड़ और तांबे का दान करना चाहिए।

21. घर की पश्चिम दिशा में दोष है तो शनि यंत्र की स्थापना करे।शनिवार का व्रत रखना चाहिए। नॉनवेज और शराब का सेवन नहीं करना चाहिए। भैरव की उपासना करे।

22. घर की उत्तर दिशा में दोष है तो बुध यंत्र या कुबेर यंत्र की स्थापना करें। मां दुर्गा की उपासना करनी चाहिए।

23. घर की दक्षिण दिशा में दोष होने पर मंगल यंत्र की स्थापना करनी चाहिए। हनुमान जी की पूजा करें।

24. ईशान कोण में दोष होने पर गुरु यंत्र की स्थापना करनी चहिए। गुरु और ब्राह्मणों की पूजा करें। धार्मिक पुस्तकों का दान करें। शिवजी की उपासना करें। रुद्राक्ष धारण करना चाहिए।

25. आग्नेय कोण में दोष होने पर चांदी का श्रीयंत्र स्थापित करना चाहिए। शुक्र यंत्र की पूजा करनी चाहिए। गाय की सेवा करें।

26. नैऋत्य कोण में दोष होने पर राहु यंत्र की स्थापना करनी चाहिए। सरस्वती व गणेश जी की पूजा करें।

27. वायव्य कोण में दोष होने पर चंद्र यंत्र की स्थापना करनी चाहिए। शिवजी की आराधना करनी चाहिए। चांदी, चावल व दूध का दान करें। गंगा जी में स्नान करें।

28. मुख्य द्वार के ऊपर, अंदर व बाहर गणेश जी की प्रतिष्ठा करने से दुखों का निवारण होता है।

29. दरवाजे के ऊपर घोड़े की नाल U आकार में लगाने से दरवाजों से संबंधित दोष समाप्त होते हैं। भूत-प्रेत, जादू-टोना आदि से रक्षा होती है। सुख और सौभाग्य की वृद्धि होती है।

30. यदि विवाद या मुकदमे से संबंधित परेशानी आपको है तो उनके कागजात कभी भी आग्नेय कोण में न रखें।

31. घर में कभी भी बंद पड़ी घड़ियों को नहीं रखना चाहिए। यदि घर में घड़ियां बंद है तो उन्हें ठीक कराएं। घड़ियों को उत्तर या पूर्व दिशा की दीवार पर लगाना चाहिए।

32. ईशान कोण में यदि शौचालय Toilet है तो उसे इस्तेमाल ना करें उसे स्नानघर Bathroom के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

33. दीवारों पर वास्तु के अनुसार रंगों का उपयोग करके भी वास्तु दोष को कम किया जा सकता है।

इन नियमों को व्यवहार में लाकर सुख-समृद्धि को अपनी अंगशयनी बनाएं।

धन्यवाद! 

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