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Wednesday, June 15, 2022

Mandir direction as per vastu, Vastu shastra for home, Vastu shastra tips, Home Vastu


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नमस्कार 

आज हम आपको बतायेगे मकान के अन्दर किस किस प्रयोजन के लिए किस किस स्थान का उपयोग करना चाहिए ।

शयन कक्ष (Bed Room) : घर के स्वामी का शयन कक्ष दक्षिण-पश्चिम में होना चाहिए। पलंग को दक्षिणी दीवार से इस प्रकार लगा हुआ होना चाहिए ताकि सोते समय सिरहाना दक्षिण की ओर व पैर उत्तर की ओर हो। यह श्रेष्ठ स्थिति है । ऐसा न हो सकने की स्थिति में इसका विकल्प यह है कि सिरहाना पश्चिम की ओर करना चाहिए । इसके विपरीत स्थितियाँ होने पर वास्तु के अनुरूप नहीं मानी जाती व हानि की आशंकाएँ बढ़ जाती हैं।

स्नानाघर (Bath Room) : स्नानघर को पूर्व दिशा में बनाना चाहिए व शौचालय को दक्षिण-पश्चिम में बनाना चाहिए । यह श्रेष्ठ समाधान है । किन्तु ऐसा देखा जाता है कि स्थान की कमी आदि के कारण इन दोनों को एक ही स्थान पर बनाया जाता है । यदि किसी भी कारण इन्हें एक स्थान पर बनाना पड़े तो वहाँ इन्हें कमरों के बीच में दक्षिण-पश्चिम भाग में बनाना चाहिए। पूर्व में स्नान घर के साथ शौचालय नहीं होना चाहिए । स्नानाघर के जल का बहाव उत्तर-पूर्व में होना चाहिए । उत्तर और पूर्व दीवार पर Exhaust Fan लगाया जा सकता है । गीज़र लगाना हो तो दक्षिण-पूर्व कोण में लगाया जा सकता है क्योंकि यह आग्नेय कोण है। गीज़र का सम्बन्ध अग्नि से है।




रसोईघर (Kitchen) : रसोई के लिए आग्नेय कोण सर्वश्रेष्ठ है। अतः रसोई मकान के दक्षिण-पूर्व कोण में होना
चाहिए। रसोई में भी जो दक्षिण-पूर्व का कोना हो वहाँ गैस सिलिण्डर या चूल्हा या स्टोव रखा जाना चाहिए।

भोजनकक्ष (Dining Room) : भोजन यदि रसोईघर के में न किया जाय तो इसकी व्यवस्था डाइनिंग रूम में की जाती है।अत: डाइनिंग टेबल डाइनिंग रूम के दक्षिण-पूर्व में रखनी चाहिए।
बैठक (Drawing Room) : वर्तमान समय में ड्राइंगरूम का विशेष महत्व है । इसमें फर्नीचर दक्षिण और पश्चिम की दिशाओं में ही रखना चाहिए । उत्तर और पूर्व की तरफ खुली जगह छोड़नी चाहिए।

Entertainment Room : इसके लिए उत्तर-पश्चिम दिशा उपयुक्त है ।

सामान्य कक्ष (General Room) : इसका निर्माण उत्तर-पश्चिम में कराना चाहिए ।

अतिथि कक्ष (Guest Room) : यदि अतिथि कक्ष का निर्माण किया जाय तो उत्तर-पश्चिम दिशा उपयुक्त है।

गैराज (Garages) : गैराज का निर्माण दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम में करना चाहिए।

अध्ययन कक्ष (Study Room) : अध्ययन कक्ष दक्षिण-पश्चिम में बनाना चाहिए।

पूजन गृह (Worship Room) : पूजन गृह का निर्माण उत्तर-पूर्व के कोण में करना चाहिए ।

नगदी एवं भण्डार (Cash and Store) : Cash एवं घरेलू सामान उत्तर में रखना चाहिए एवं कीमती आभूषण दक्षिण में सेफ में रखना चाहिए। इससे सम्पन्नता में वृद्धि होती है ।
 
पोर्टिको (Portico) : इसे उत्तर पूर्व में बनवाना चाहिए एवं इसकी छत मुख्य छत से नीची होनी चाहिए ।

नौकरों के घर (Servant Quarter) : नौकरों के घर का रूख हमेशा उत्तर एवं पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।

तहखाना (Basement) : यदि तहखाने का निर्माण करना हो तो उत्तर में, पूर्व में या उत्तर-पूर्व में करना चाहिए । तहखाने में प्रवेश द्वार भी उत्तर या पूर्व की ओर ही करना चाहिए ।

बालकनी (Balcony) : हवा और भवन की सुन्दरता के लिए बालकनी का निर्माण किया जाता है । इसे उत्तर-पूर्व में बनाना चाहिए । यदि पहले बने मकान में दक्षिण-पश्चिम में बालकानी बनी हो तो उसे शीशा और परदे से ढँक कर रखना चाहिए ।

टेरेस व बरामदा (Terrace & Verandah) : ये खुले स्थान के अन्तर्गत आते हैं अतः सुख-समृद्धि के लिए इन्हें उत्तर-पूर्व में बनाना चाहिए।

खुला स्थान (Open Space) : गृह निर्माण में खुले स्थान का बहुत महत्व है । मकान के उत्तर, पूर्व व उत्तर-पूर्व में खुला स्थान रखना चाहिए। मकान में भी टेरेस, बालकनी, पोर्टिको के रूप में उत्तर-पूर्व में खुली जगह रखनी चाहिए।

वजन व औजार (Weight & Equipments) : इसके लिए दक्षिण पश्चिम का कोना उपयुक्त है । प्रसूतिकाल में स्त्रियों के रहने के लिए भी यह उपयुक्त स्थान है ।

योग एवं ध्यान (Yoga & Meditation) : योग के लिए ईशान कोण अर्थात् उत्तर-पूर्व का कोण सर्वश्रेष्ठ है ।

सीढ़ी (Staircase) : सीढ़ियाँ उत्तर-पूर्व को छोड़कर अन्य दिशाओं में सुविधानुसार बनाई जा सकती है किन्तु पश्चिम या उत्तर दिशा इसके लिए अभीष्ट है। सीढियों का निर्माण odd number विषम संख्या में होना चाहिए और चढ़ते समय सीढियां हमेशा दाईं तरफ मुड़नी चहिए।

दरवाजे (Doors) : मुख्य द्वार के सम्बन्ध में पूर्व में विचार किया जा चुका है । दरवाज़ों की स्थिति उत्तर व पूर्व में श्रेष्ठ मानी जाती हैं । इन दरवाजों के सामने खिड़की या पेंटिंग होनी चाहिए जिससे दरवाजे की जवाबी हो सके ।

विद्युत कक्ष/विद्युत स्थान/मीटर बोर्ड व मेन स्विच (Power/Meter Board & Main Switch) : इसकी स्थापना अग्नि कोण अर्थात् दक्षिण-पूर्व में होनी चाहिए । रसोई घर भी इसी कोण में होनी चाहिए ।


धन्यवाद !

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